Details, Fiction and hindi kahani short
Details, Fiction and hindi kahani short
Blog Article
हिंदी कहानी मजेदार
जिससे श्रीकृष्ण की सहायता पाकर उनकी निर्धनता दूर हो सके, द्वारका पहुँचने पर श्रीकृष्ण ने महल में उनका करुनापूर्ण स्वागत किया.
सेठ ने जमीदार को लड़के के स्वप्न और निकाले जाने की बात बता दी. इस पर जमीदार ने लड़के को बुलाकर कहा- ऐ लड़के या तो तू अपने स्वप्न की बात बता दे अन्यथा आज मैं तुझे अपने यहाँ काम से निकाल दूंगा.
अत: प्रतिदिन एक जीव आपके पास आ जाया करेगा, इस प्रकार बिना परिश्रम से आपका जीवन निर्वाह होता रहेगा.
कुछ देर तक वे भूमि के साथ कान लगाए रहे, फिर सीधे बैठ गये और गंभीर वाणी में बोले- यह भूमि तो कुछ और ही कह रही हैं.
बच्चों के लिए प्रेरक और प्रेरणादायक लघु कथाएं
तभी उनकी नजर एक व्यक्ति पर गईं. देखने से पंडित लगने वाला व्यक्ति भारतीय लगता था.
वह धनी नवयुवक उस परेशान व्यक्ति के पास पंहुचा और उनसे ख़ामोशी का कारण पूछा
दोनों भाई इस बात पर राजी हो गये. तब महात्मा जी बोलर- मुझे बहुत जोरों की भूख लगी हैं पहले मुझे भोजन कराओं.
मुझे तेरा विशवास नही हैं. खेत के मालिक ने ज्यादा हठ की तो
उनकी पत्नी जानती थी कि द्वारकाधीश श्रीकृष्ण उनके मित्र हैं. बहुत आग्रह करके उसने सुदामा को उनके पास भेजा,
पंडित राधे गुप्त उसका विवाह ऐसे योग्य व्यक्ति से करना चाहते थे, जिसके पास सम्पति भले न हो पर बुद्धिमान हो.
जलयान. उस नवयुवक ने एक नाव में अपने सामान को डाला और वतन वापसी की यात्रा आरम्भ की.
कुछ समय बाद वहा से ऊंटों का झुण्ड गुजरा. कुरज ने ह्रदय चिर देने वाली करुण स्वर में विनती की.
कुछ समय तक दोनों ही महात्मा जी के मुह की ओर ताकते रहे फिर बोलर- किन्तु यह कैसे संभव हैं ? भूमि भी कभी बोलती हैं.